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 किसान हिंसा मामलाः स्पेशल सेल ने यूएपीए व देशद्रोह का मामला किया दर्ज, 37 किसान नेताओं से होगी पूछताछ  नई दिल्ली.दिल्ली पुलिस किसान हिंसा मामले की जांच के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन विधेयक (यूएपीए) व देशद्रोह का मामला दर्ज कर लिया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की लोधी कॉलोनी स्थित यूनिट में दर्ज किया गया है। इसमें सभी 37 किसान नेताओं की भूमिका का खंगाला जाएगा और उनसे पूछताछ की जाएगी। इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने छह किसान नेताओं को शुक्रवार को स्पेशल सेल के कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया है। दिल्ली पुलिस ने 44 किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस(एलओसी) जारी किया गया है। इनके नेताओं के पासपोर्ट को जमा कराने के लिए कहा गया है।  उधर, दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे प्रदर्शन स्थलों पर बृहस्पतिवार सुबह से पुलिस की तरफ से दबाव दिखा। सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर व गाजीपुर बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने सख्ती बढ़ा दी है। सबसे ज्यादा हलचल गाजीपुर बॉर्डर पर दिखी। दिल्ली व यूपी पुलिस प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए देर रात तक मशक्कत करती रही। वहीं, सिंघु बॉर्डर पर स्थानीय निवास

निर्मला सीतारमण ने आत्म-निर्भरता पर दिया जोर, कहा गणेश प्रतिमा भी चीन से क्यों खरीदना

निर्मला सीतारमण ने आत्म-निर्भरता पर दिया जोर, कहा गणेश प्रतिमा भी चीन से क्यों खरीदना नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि विकास को बढ़ावा देने के लिए आयात करने में कुछ भी गलत नहीं है। मगर, उन्होंने सवाल किया कि गणेश की मूर्तियों को भी चीन से क्यों खरीदा जाए। भाजपा की तमिलनाडु इकाई के कार्यकर्ताओं को एक वर्चुअल लिंक के माध्यम से संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश में उपलब्ध नहीं होने वाले कच्चे माल का आयात करना और हमारे उद्योगों के लिए जरूरी चीजों को मंगवाना गलत नहीं है। दरअसल, 15 जून को चीनी सेना ने जिस तरह से धोखे के बाद भारतीय सैनिकों पर हमला किया और भारतीय भूमि पर जिस तरह वह छल से एक बार फिर कब्जा करना चाहता है, उसका मुंहतोड़ जवाब सीमा पर चीन को दे दिया गया है। अब बारी देश को आत्मनिर्भर बनाकर चीन से आयात होने वाले समान को सीमित करने की है। केंद्र सरकार के आत्म-निर्भर अभियान पहल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आयात में कुछ भी गलत नहीं है, जो उत्पादन को बढ़ावा दे और रोजगार के अवसर पैदा करे और यह निश्चित रूप से किया जा सकता है।

भारत को इस साल के अंत तक मिल जाएगा पहला S-400 डिफेंस सिस्टम

भारत को इस साल के अंत तक मिल जाएगा पहला S-400 डिफेंस सिस्टम नई दिल्‍ली। चीन के साथ सीमा पर चल रहे तनाव के बीच भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि उसे रूस से इस साल के अंत तक S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम मिल जाएगा। भारत को यह डिफेंस सिस्टम साल 2021 में मिलना था, लेकिन चीन के साथ चल रहे तनाव के चलते भारत ने इसे जल्दी दिए जाने की मांग की थी जिस पर रूस सहमत हो गया।रिपोर्ट्स के अनुसार रूस साल 2024 तक हर साल एक-एक S-400 एडवांस्ड एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की भारत को आपूर्ति करेगा। भारत और रूसके बीच साल 2018 में दुनिया के सबसे एडवांस्ड एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम S-400 की डील 5 अरब डॉलर यानी 40000 करोड़ रुपए में हुई थी। इसके तहत भारत को रूस से इसकी पांच यूनिट मिलना है। इसके अलावा भारत रूस से 31 फाइटर जेट भी खरीद रहा है और टी-90 टैंक के उपकरणों को लेकर भी बात चल रही है।भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सप्ताह रूस की यात्रा की थी, वहां उन्होंने रूस के उप प्रधानमंत्री युरी इवानोनिक बोरिसोव से मुलाकात थी। इस मुलाकात के दौरान बोरिसोव ने इस साल के अंत तक S-400 डिफेंस सिस्टम भारत को उपलब्ध कराने का आश्वासन

काशी-मथुरा विवाद मामले में मुस्लिम संगठन भी पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, हिंदू पुजारियों की याचिका का किया विरोध

काशी-मथुरा विवाद मामले में मुस्लिम संगठन भी पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, हिंदू पुजारियों की याचिका का किया विरोध नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट में काशी-मथुरा जैसे विवादों पर कानून को चुनौती देने के मामले में मुस्लिम पक्ष भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। अर्जी में उसने हिंदू पुजारियों के संगठन की याचिका का विरोध किया है और कहा है कि अदालत इस याचिका पर नोटिस जारी ना करे। मामले में नोटिस जारी करने से खासतौर से अयोध्या विवाद के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों के मन में अपने पूजा स्थलों के संबंध में भय पैदा होगा। साथ ही, अर्जी में इस मामले में उसे भी पक्षकार बनाने की मांग की है। गौरतलब है विश्व भद्र पुरोहित संघ ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर कर पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) कानून, 1991 की वैधता को चुनौती दी है। इस कानून में प्रावधान है कि 15 अगस्त 1947 को जो भी पूजा स्थल जिस समुदाय के पास था, उसके पास ही रहेगा। इसके बारे में कोई विवाद कोर्ट में नहीं उठाया जा सकेगा। पुजारियों ने याचिका में कहा है ये कानून उनके बर्बर हिंसात्मक तरीके से अतिक्रमण किए गए पू

परिवार के आने के बाद कल होगा सुशांत सिंह राजपूत का अंतिम संस्कार

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परिवार के आने के बाद कल होगा सुशांत सिंह राजपूत का अंतिम संस्कार नई दिल्ली .बॉलीवुड से चौंकाने वाली खबर सामने आई है। एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने खुदकुशी कर ली है। मुंबई पुलिस के एडिशनल सीपी मनोज कुमार ने मधु पाल से सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या किए जाने की बात की पुष्टि की है। अभी तक सुशांत की आत्महत्या की वजह सामने नहीं आई है लेकिन मुंबई पुलिस के सूत्रों का कहना है कि उनके फ्लैट से कुछ दवाइयां मिली है, जिससे लगता है कि वह पिछले कुछ महीनों से डिप्रेशन का इलाज करवा रहे थे। अभी तक उनके कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।  . डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे का कहना है, सुशांत सिंह राजपूत के घर से नहीं मिला है कोई संदेहास्पद सामान, पोस्टमार्ट रिपोर्ट का है इंतजार। सुशांत की बहन और दोस्त मुंबई के कूपर हॉस्पिटल पहुंच गए हैं। सुशांत सिंह राजपूत का कल यानी सोमवार को अंतिम संस्कार होगा। इस समय उनके पिता और परिवार वालों का मुंबई आने का इंतजार हो रहा है। कोरोना वायरस के चलते सुशांत के अंतिम संस्कार में केवल करीबी लोग ही शामिल होंगे।                                                              रिपोर्ट्स

गुजरात के राजकोट में भूकंप के तेज झटके, 5.5 तीव्रता के भूकंप से लोगों में दहशत, जम्मू-कश्मीर में भी हिली धरती

गुजरात के राजकोट में भूकंप के तेज झटके, 5.5 तीव्रता के भूकंप से लोगों में दहशत, जम्मू-कश्मीर में भी हिली धरती राजकोट .कुछ ही मिनटों के भीतर गुजरात और जम्मू-कश्मीर में भूकंप से दहशत फैल गई है। गुजरात के राजकोट में रात 8.13 मिनट पर 5.5 तीव्रता का भूंकप आया है। भूकंप का केंद्र राजकोट से 122 किलोमीटर उत्तर-उत्तर पश्चिम में बताया गया है। बताया जा रहा है कि झटके कच्छ, सौराष्ट्र और अहमदाबाद में भी महसूस किए गए हैं। अभी तक किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है। कुछ ही देर बाद रात 8 बजकर 35 मिनट पर जम्मू कश्मीर के कटरा में भी 3.0 तीव्रता का भूकंप आया है। गुजरात के राजकोट में धरती हिलते ही लोग घरों के बाहर निकले। लोगों ने बताया कि झटके काफी तेज थे और कई सेकंड तक वह इसे महसूस करते रहे। हालांकि, अभी तक भूकंप की वजह से कहीं से किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है।   गुजरात में भूकंप से लोगों के 2001 के जख्म हरे हो जाते हैं, जब 26 जनवरी के दिन सुबह आए भूकंप ने हजारों लोगों की जान ले ली थी और बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए थे। कई शहर, कस्बे और गांव मलबे के ढेर में बदल गए थे। उस दिन भूकंप का केंद्र कच्

वन क्षेत्रों में बाँस रोपण परियोजना प्रारंभ

वन क्षेत्रों में बाँस रोपण परियोजना प्रारंभ इस वर्ष 5 जिलों के 1100 हेक्टेयर वन क्षेत्र में होगा बाँस रोपण  भोपाल.  राज्य शासन द्वारा बिगड़े वन क्षेत्रों के आसपास रहने वाले ग्रामीण परिवारों को कम समय में रोजगार दिलाने, दीर्घ अवधि में आजीविका सुदृढ़ करने और वन आवरण में वृद्धि के उद्देश्य से बाँस रोपण की विशेष परियोजना आरंभ की गई है। मनरेगा के तहत प्रदेश के 5 जिलों जबलपुर, मण्डला, सिवनी, छिंदवाड़ा और बैतूल के 11 वन मण्डलों में योजना का क्रियान्वयन और प्रबंधन किया जायेगा। परियोजना में इस वर्ष 1100 हेक्टेयर वन क्षेत्र में बाँस रोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। - निर्धन परिवारों को मिलेगा रोजगार योजना के पहले 5 सालों तक निर्धन परिवार सुनिश्चित रोजगार प्राप्त करेंगे। ये परिवार बाँस के रोपणों का प्रबंधन और सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। छठवें वर्ष से बाँस का उत्पादन शुरू होने पर स्व-सहायता समूह के साथ हिस्सेदारी कर प्रबंधन को प्रभावी बनाया जायेगा। - ग्राम वन समिति - स्व-सहायता समूहों की होगी महत्वपूर्ण भूमिका प्रदेश में जहाँ बाँस रोपण के लिये उपयुक्त वन भूमि है, वहाँ पर रोपण किया जायेगा। रोपण में